Madhu Arora

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लेखनी प्रतियोगिता -28-May-2022अखबार की बात

पीआरपी के खातिर ,
खबरें बदल दी जाती है।
 जैसा घटती ,थोड़ी बात 
 उसमें बढ़ा दी जाती है।
 सही खबर कहांँ आती हैं,
  लोगों को लुभा पाती है।
 सच्चाई तो छुप ही जाती है
 बस जो दिखाना चाहे
 वही बात सामने आती ।
 अखबारों के पन्ने भरते,
 देश विदेश की खबर  पढ़ते हैं।
नेताओं का आया जमाना,
अखबार तो उनके हिसाब से ढलते ।
जो वह दिखाना चाहे दिखाते ,
अपना पक्ष जनता को जतलाते।
कहीं मौत की खबरें होती,
 कहीं सियासत है चलती।
 झूठ सच की परवाह किसको
नोटों से यहां जेब है भरते।
     
             रचनाकार ✍️
             मधु अरोरा
             28.5.२०२२
प्रतियोगिता हेतु 

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10 Comments

Seema Priyadarshini sahay

29-May-2022 11:14 PM

बेहतरीन रचना

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Shrishti pandey

29-May-2022 05:24 PM

Nice

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Reena yadav

29-May-2022 12:07 AM

👍👍🙃

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